गुंस्से पर काबू पाना सीखो (www.agrashar.com)

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दोस्तों अधिकतर होता क्या है की हम ज्यादा गुस्सा होकर अपना ही नुक्सान कर लेते है और ये होता भी है
हम जब भी गुस्सा करते हैं वो हमारे अपने ऊपर ही भरी पड़ता है 


1)  दोस्तों जब हम गुस्से में होते हैं तब हमें कुछ भी ध्यान नहीं रहता है हम क्या कर रहे हैं क्या नहीं हमें कुछ भी होस नहीं रहता है जिसकी वजह से हम किसी अपने या हमारा अपना नुक्सान कर लेते हैं/
जिसका असर हमारे काम और हमारी जिंदगी पर पड़ता है तो अगर आप गुस्सा करते है तो इसे बिलकुल बंद कीजिये.

2) कभी कभी होता क्या है हमें लगता है की हम ठीक हैं लेकिन असल में हम गलत होते हैं अपने दूसरे की गलती कमियां देख लेते हैं लेकिन अपने अंदर झाँक कर नहीं देखते एहि वजह है की गुस्सा इतना विकराल रूप ले लेते है.
इन हालातों में तो आप लोग ये बोलते हो की आपको सफल होना है अरे सफल हो भी गए तो क्या फायदा दूसरों की ज़िन्दगी ख़राब कर दोगे इसी लिए पहले अपनी आदतें बदलो अपने ऊपर काम करो फिर देखो क्या ज़िन्दगी है अपने आप को इस कदर बना लो की जहां भी जाओ अपनी चमक से लोगों की ज़िन्दगी रोसन करदो.

3) अपने अंदर सेल्फ कंट्रोल रखो लगे रहो अपने काम में एक दिन सफल हो ही जाओगे और थोड़ा गुस्से पर सयंम रखें अपने बारे में नहीं तो एक बार दूसरे के बारे में तो सोच लेना चाहिए/ 

4) ये दुनिया सिर्फ दबाने के लिए है आपको निचा दिखने के लये है इसी लिए अगर बिज़नेस करने का मन करे बिज़नेस करो पढाई करने का मन करे तो पढाई करो/ जो मन करे वो करो लेकिन किसी के निचे दबो मत किसी के आगे हाथ मत फैलाओ/ बस अपनी मेहनत अपनी लगन अपने विश्वास से सबका मुंह बंद करदो.
ये दुनिया में कोई भी तुम्हारा नहीं है तुम्हे अकेले ही सफल होना है इस जंगल में अकेले ही सफर करना होगा 
याद रखो कोई नहीं है तुम्हारा न बाप ना माँ ना भाई न बहन और न दोस्त कोई नहीं है,
जो हो तुम्ही हो तुम्हारे अलावा तुम्हारा कोई नहीं है याद रखना जब तक तुम खुद हार नहीं मान लेते तब तक तुम्हे कोई नहीं हरा सकता तोड़ दो सरे रिश्ते सब कुछ भूलके निकलजाओ अपनी ज़िन्दगी के सफर पर और बनालो अपना नाम कर दो उजाला 

5) आपको पता है हम अक्सर गुस्सा कहाँ करते हैं? हम अक्सर गुस्सा वहाँ करते हैं जहां हमारा जोर चलता है अधिकतर व्यक्ति अपना जोर घर में चलता है. क्यूंकि उसकी बहार चलती नहीं है ऑफिस में बॉस के आगे,
स्कूल में टीचर के आगे दोस्तों के आगे सब के आगे हम कुछ नहीं बोल पते हैं फिर इन सबके बाद एक घर ही आता है जहां हमारा जोर चलता है और हम अपने माँ,बाप,भाई,बहन,पत्नी,बच्चे, इनके आगे अपना जोर चलते हैं 
6) मेरा पोस्ट पढ़ने के लिए धन्यवाद लेकिन जो भी घर में आके गुस्सा करता है ना वो अगर सफल होने का सपना देख रहा है न तो ये सब छोड़ दें, नहीं तो अपनी सफलता का सपना देखना बंद करदें,                                      अगर कुछ गलत हो तो माफ़ी चाहता हु धन्यवाद.

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